वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-सात जून को जीवा को मौत के घाट उतारा गया था। वारदात कोर्ट रूम के भीतर हुई थी। जिससे तमाम सवाल खड़े हुए थे। शासन ने इसको गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।
गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड प्रकरण में एसआईटी जांच की मियाद पूरी हो गई है। लेकिन, अब तक जांच अधूरी है। इसलिए तय समय पर रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी। तीन से चार दिन का वक्त और लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में कोर्ट परिसर की सुरक्षा में चूक की पुष्टि हुई है। इसलिए कई पर जिम्मेदारी ठहराई गई है। जांच पूरी होने के बाद इन पर शासन अपने स्तर से कार्रवाई का निर्णय लेगा।
सात जून को जीवा को मौत के घाट उतारा गया था। वारदात कोर्ट रूम के भीतर हुई थी। जिससे तमाम सवाल खड़े हुए थे। शासन ने इसको गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। जिसमें एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम नीलाब्जा चौधरी व आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार को शामिल किया गया था।
निर्देश थे कि एसआईटी जांच रिपोर्ट सात के भीतर सौंपे। मगर, सात दिन बीतने के बाद भी एसआईटी रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। सूत्रों के मुताबिक जांच में कई पहलू अभी अधूरे हैं। एसआईटी उनको पूरा कर रही है। इसमें तीन चार दिन का वक्त लग सकता है।
अधिकतर कैमरे खराब मिले, जिम्मेदार ठहराए जाएंगे दोषी
कोर्ट रूम के भीतर हुई घटना बेहद सनसनीखेज थी। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने इसी बिंदु पर सबसे अधिक गहनता से छानबीन की है। जिस तरह से शूटर विजय बेखौफ होकर कोर्ट में घुसकर वारदात को अंजाम दिया, उससे सुरक्षा की पोल खुल गई थी।
एसआईटी ने इस पहलू की तहकीकात कर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के अलावा जो अन्य जिम्मेदार हैं, उनको भी जांच में शामिल किया है। वहीं कोर्ट परिसर में लगे अधिकतर सीसीटीवी कैमरे खराब मिले। एक आध कैमरों के फुटेज ही मिल पाए हैं।
अलग-अलग जिलों व प्रदेश की पुलिस से किया संपर्क
जिन स्थानों का जिक्र विजय ने शुरुआती पूछताछ में किया था, पुलिस ने उससे संबंधित जानकारी जुटा रही है। बिहार पुलिस से भी संपर्क किया था, क्योंकि मुंगेर से रिवाल्वर लेने की बात कही थी। अब विजय को लेकर पुलिस इन स्थानों पर जा सकती है। वहीं पुलिस अफसरों ने बताया कि मामले में नेपाल कनेक्शन सामने आया है। इसलिए विदेश मंत्रालय से पत्राचार किया जाएगा।